बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास
प्रश्न- वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
अथवा
वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति
ऋग्वैदिक काल में विवाह एक उच्च एवं पवित्र संस्कार समझा जाता था। यद्यपि एक पत्नी विवाह के आदर्श को अब भी मान्यता प्राप्त थी, किन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि बहुपत्नी विवाह काफी प्रचलित था और सबसे पहली पत्नी को मुख्य पत्नी होने का विशेषाधिकार प्राप्त था। लड़की का बिकना असंभव नहीं था, हालांकि इसे बहुत अच्छा नहीं समझा जाता था। ऋग्वैदिक काल की नारी की तुलना में अब उसके स्थान में कुछ गिरावट आई मैत्रायणी संहिता में तो उसे पासा एवं सुरा के साथ-साथ तीन प्रमुख बुराइयों में गिना जाता था। ऐतरेय ब्राह्मण में कहा गया है कि पुत्री ही दुःखों का स्रोत हैं। याज्ञिक कार्यों में पति एवं पत्नी दोनों भाग लेते थे। ऋग्वेद में ऐसी कन्याओं के भी उल्लेख मिलते हैं जो दीर्घकाल तक अथवा आजीवन अविवाहित रहती थी। ऐसी कन्याओं को ( अमाजू) कहा गया है। ऋग्वैदिक देवकाल में देवियों के स्थान से ही यह पता चलता है कि इससे देवताओं की तुलना में उन्हें नगण्य समझा जाता था। इन्नाणी, रोदसी, श्रद्धा, धृति आदि सभी को कोई विशेष महत्ता नहीं दी गई है। उपनिषदों में याज्ञवल्क्य गार्गी संवाद जहाँ एक ओर यह दर्शाते हैं कि समाज में कुछ नारियाँ उच्चतम शिक्षा प्राप्त कर सकती थी, वहाँ इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि शायद उसकी भी सीमा थी एक वाद-विवाद के दौरान याज्ञवल्क्य ने गार्गी से यह कहा कि अधिक बहस न करो अन्यथा तुम्हारा सिर तोड़ दिया जाएगा। ऋग्वैदिक काल में साधारणतया एवं पत्नीव्रत की प्रथा ही प्रचलित थी। कहीं भी सपत्नी सौत का वर्णन नहीं मिलता है। समाज के उच्च एवं धनी वर्ग के मनुष्य कभी-कभी बहुपत्नीक भी होते थे। सती प्रथा के विषय कुछ विद्वानों ने कहा है कि सती प्रथा का प्रचलन था लेकिन यह अंशतः ही सत्य है। प्रचलित प्रणाली के अनुसार विधवा अपने पति के शव के साथ कुछ क्षणों के लिए लेटती थी, फिर उसे उठने के लिए कहा जाता था "नारी, उठो और जीवलोक में पुनः लौट जाओ। तुम एक मृत पुरुष के पास लेटी हो। पाणि- ग्रहण करने वाले पुरुष के साथ तुमने अपना पत्नीत्व भली-भाँति व्यतीत किया है। ऋग्वेद में नियोग प्रथा भी प्रचलित थी जिसके अनुसार विधवा स्त्री पुत्र प्राप्ति के निमित्त अपने देवर के साथ पत्नी के रूप में रह सकती थी। यदि स्त्री पर्दे में रहती तो उसके लिए 'सभावती' शब्द प्रयोग निरर्थक होता। स्त्री सार्वजनिक सभाओं में जाती थी। पर्दा प्रथा के विरोध में अन्य ऋग्वैदिक साक्ष्य प्राप्त होते हैं। उस समय बाल-विवाह प्रथा न थी। उसमें विवाह सम्बद्ध जिन कन्याओं का वर्णन है वे प्रायः युवती ही हैं। इसमें कन्याएँ स्वयं अपना पति ढूढ़ लेती थी। दहेज प्रथा का प्रचलन नहीं था। वैदिक काल में पुत्र की भाँति पुत्री को भी उपनयन, शिक्षा-दीक्षा एवं यज्ञादि का अधिकार था। यौवन में विवाह होने के कारण कन्याओं को शिक्षा- दीक्षा के लिए पर्याप्त समय मिल जाता था।
ऋग्वैदिक काल में समाज में स्त्री को आदरपूर्वक स्थान दिया गया। उसके धार्मिक तथा सामाजिक अधिकार पुरुषों के ही समान थे। विवाह एक धार्मिक संस्कार माना जाता था। दम्पत्ति घर के संयुक्त अधिकारी होते थे। यद्यपि कहीं-कहीं कन्या के नाम पर चिन्ता व्यक्त की गई है फिर भी कुछ ऐसे उदाहरण मिलते हैं जहाँ पिता विदुषी एवं योग्य कन्याओं की प्राप्ति के लिए विशेष धार्मिक कृत्यों का अनुष्ठान करते थे। कन्या को पुत्र जैसा ही शैक्षणिक अधिकार एवं सुविधाएँ प्रदान की गयीं थीं। कन्याओं का भी उपनयन संस्कार कराया जाता था। ऋग्वेद में अनेक ऐसी स्त्रियों के नाम मिलते हैं जो विदुषी तथा दार्शनिक थीं और उन्होंने कई मन्त्रों एवं ऋचाओं की रचना भी की थी। विश्ववारा को ब्रह्मवादिनी तथा मन्त्रद्रष्ट्री कहा गया है जिसने ऋग्वेद के एक स्रोत की रचना की थी। घोषा, लोपामुद्रा, शाश्वती, अपाला, इन्द्राणी, सिकता, निवावरी आदि विदुषी स्त्रियों के नाम ऋग्वेद की ऋचाओं की रचयिता के रूप में मिलते हैं। ऋग्वेद में बृहस्पति तथा उनकी पत्नी की कथा भी मिलती है। समाज में सती तथा पर्दा प्रथा का प्रचलन न था। विवाह की आयु महिला के लिए पन्द्रह-सोलह वर्ष की थी, जिससे उन्हें शिक्षा का पर्याप्त अवसर मिल जाता था।
उत्तर वैदिक काल में भी स्त्रियों की दशा पूर्ववत् बनी रही, यद्यपि अथर्ववेद में एक स्थान पर कन्या को चिन्ता का कारण बताया गया है किन्तु उनकी सामान्य स्थिति संतोषजनक बनी रही। कन्या की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता था। उसका उपनयन होता था तथा ब्रह्मचर्य आश्रम में रहते हुए वह अध्ययन करती थी। कुछ स्त्रियों ने धर्म एवं दर्शन में निपुणता तथा विद्वता प्राप्त कर ली थी। किन्तु समय के साथ हम स्त्री शिक्षा में गिरावट पाते हैं। कन्याओं को गुरुकुल में शिक्षा देने का समर्थन किया गया। तब वे केवल अपने पिता, भाई या चाचा आदि से शिक्षा ग्रहण कर सकती थीं। ऐसी स्थिति में केवल कुलीन परिवार की कन्याएँ ही शिक्षा प्राप्त कर सकती थीं। कन्या का विवाह पहले की ही भाँति वयस्क होने पर होता था। कभी-कभी वे स्वयं पति का चुनाव करती थीं। सती प्रथा का अभाव था तथा विधवा विवाह होते थे। पर्दा प्रथा का प्रचलन भी नहीं था किन्तु स्त्रियों का सामाजिक समारोहों में जाना बन्द हो गया था।
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- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- 'फाह्यान पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
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- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
- प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के सामाजिक व्यवस्था व आर्थिक जीवन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु नदी घाटी के समाज के धार्मिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की राजनीतिक व्यवस्था एवं कला का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के नामकरण और उसके भौगोलिक विस्तार की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता के नगरों के नगर- विन्यास पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोगों की शारीरिक विशेषताओं का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पाषाण प्रौद्योगिकी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के सामाजिक संगठन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के कला और धर्म पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के व्यापार का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता की लिपि पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- सैन्धव धर्म में स्वस्तिक पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक अथवा पूर्व वैदिक काल की सभ्यता और संस्कृति के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- विवाह संस्कार से सम्पादित कृतियों का वर्णन कीजिए तथा महत्व की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के प्रमुख देवताओं का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद में सोम देवता का महत्व बताइये।
- प्रश्न- वैदिक संस्कृति में इन्द्र के बारे में बताइये।
- प्रश्न- वेदों में संध्या एवं ऊषा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में जल की पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- वरुण देवता का महत्व बताइए।
- प्रश्न- वैदिक काल में यज्ञ का महत्व बताइए।
- प्रश्न- पंच महायज्ञ' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक देवता द्यौस और वरुण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक यज्ञों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- उत्तरवैदिक कालीन धार्मिक विश्वासों एवं कृत्यों के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक काल में प्रकृति पूजा पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक संस्कृति की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अश्वमेध पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आर्यों के आदिस्थान से सम्बन्धित विभिन्न मतों की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल में आर्यों के भौगोलिक ज्ञान का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- आर्य कौन थे? उनके मूल निवास स्थान सम्बन्धी मतों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख अंगों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- वैदिक कालीन धार्मिक व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋत की अवधारणा का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक देवताओं पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक धर्म और देवताओं के विषय में लिखिए।
- प्रश्न- 'वेदांग' से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन समाज पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन समाज में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में शासन प्रबन्ध का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल के शासन प्रबन्ध की रूपरेखा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन आर्थिक जीवन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य पर एक निबंध लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन लोगों के कृषि जीवन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल के पशुपालन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक आर्यों के संगठित क्रियाकलापों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्य की अवधारणा बताइए।
- प्रश्न- आर्य कौन थे? वे कब और कहाँ से भारत आए?
- प्रश्न- भारतीय संस्कृति में वेदों का महत्त्व बताइए।
- प्रश्न- यजुर्वेद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- संहिता ग्रन्थ से आप क्या समझते हैं?
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- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन उद्योग-धन्धों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक काल में सिंचाई के साधनों एवं उपायों पर एक टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- सिन्धु घाटी की सभ्यता के विशिष्ट तत्वों की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता का बाह्य जगत के साथ संपर्कों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा से प्राप्त पुरातत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा कालीन सभ्यता में मूर्तिकला के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संस्कृति एवं सभ्यता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्राग्हड़प्पा और हड़प्पा काल का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन काल के सामाजिक संगठन को किस प्रकार निर्धारित किया गया व क्यों?
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- प्रश्न- संस्कार शब्द से आप क्या समझते हैं? उसका अर्थ एवं परिभाषा लिखते हुए संस्कारों का विस्तार तथा उनकी संख्या लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में संस्कारों के प्रयोजन पर अपने विचार संक्षेप में लिखिए।
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- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में नारी की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैष्णव धर्म के उद्गम के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- पुरातत्व अध्ययन के स्रोतों को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व साक्ष्य के विभिन्न स्रोतों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरातत्वविद् की विशेषताओं से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पुरातात्विक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के लाभों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व को जानने व खोजने में प्राचीन पुस्तकों के योगदान को बताइए।
- प्रश्न- विदेशी (लेखक) यात्रियों के द्वारा प्राप्त पुरातत्व के स्रोतों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्रोत में स्मारकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
- प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
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- प्रश्न- चीनी सभ्यता के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जियाहू एवं उबैद काल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अकाडिनी साम्राज्य व नॉर्ट चिको सभ्यता के विषय में बताइए।
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- प्रश्न- सुमेरिया की सभ्यता कहाँ विकसित हुई? इस सभ्यता की सामाजिक संरचना पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता के भारतवर्ष से सम्पर्क की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन के विषय में बताइये। यहाँ की कृषि, उद्योग-धन्धे, व्यापार एवं वाणिज्य की प्रगति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की लिपि का विकासात्मक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन सुमेरिया में राज्य की अर्थव्यवस्था पर किसका अधिकार था?
- प्रश्न- बेबीलोनिया की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता की सामाजिक.विशिष्टताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया के लोगों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन विधि संहिता की मुख्य धाराओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया की स्थापत्य कला पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन कौन थे? असीरिया की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताइये कि यह समाज कितने वर्गों में विभक्त था?
- प्रश्न- असीरिया की धार्मिक मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए। असीरिया के लोगों ने कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में किस प्रकार प्रगति की? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम असीरियाई साम्राज्य की स्थापना कब और कैसे हुई?
- प्रश्न- "असीरिया की कला में धार्मिक कथावस्तु का अभाव है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन सभ्यता के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? मिस्र का इतिहास जानने के प्रमुख साधन बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र का समाज कितने वर्गों में विभक्त था? यहाँ की सामाजिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र के निवासियों का आर्थिक जीवन किस प्रकार का था? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मिस्रवासियों के धार्मिक जीवन का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र का समाज कितने भागों में विभक्त था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र की सभ्यता के पतन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- चीन की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता के इतिहास के प्रमुख साधनों का उल्लेख करते हुए प्रमुख राजवंशों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन चीन की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चीनी सभ्यता के भौगोलिक विस्तार का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन के फाचिया सम्प्रदाय के विषय में बताइये।
- प्रश्न- चिन राजवंश की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।